आप जैसा कोई" मूवी रिव्यू हिंदी में |

 🎬 "आप जैसा कोई" फिल्म रिव्यू – इमोशन, रोमांस, और वो देसी तड़का

फिल्म का संक्षिप्त परिचय

सबसे पहले, फिल्म का नाम – "आप जैसा कोई"। वैसे नाम से ही तो थोड़ा नॉस्टैल्जिया आ जाता है, है ना? चलो, सीधा मुद्दे की बात करते हैं – ये मूवी है रोमांस, इमोशन और फैमिली ड्रामा का फुल डोज, और भाई, बोरिंग तो बिल्कुल नहीं।



रोल व कास्टिंग

कास्ट देखकर ही अंदाज़ा हो जाता है – राजकुमार राव, श्रद्धा कपूर, नीना गुप्ता। तीनों ने अपने-अपने रोल में जान डाल दी है, खासकर राजकुमार राव – वो बंदा तो स्क्रीन पर आते ही दिल जीत लेता है। उनकी एक्टिंग में जो मासूमियत और इमोशन है, वो आपको सोचने पर मजबूर कर देगा – यार, ये बंदा असल ज़िंदगी में भी ऐसा ही होगा क्या?

कहानी की गहराई से समीक्षा

कहानी में बहुत ज्यादा तामझाम नहीं है, लेकिन जो है, उसमें सच्चाई और सिंप्लिसिटी है। राज – सीधा-सादा क्लर्क, मिडल क्लास वाला वो लड़का, जो ज़िंदगी में बड़ी-बड़ी ख्वाहिशें नहीं पालता। दूसरी तरफ सिया – आत्मनिर्भर, कॉन्फिडेंट, बड़ी कंपनी में जॉब करती है। दोनों की पहली मुलाकात? बस स्टॉप पर – क्लासिक! धीरे-धीरे दोस्ती, फिर प्यार, और फिर वही पुराना पंगा – परिवारवालों को दिक्कत, सोसाइटी का प्रेशर, क्लास डिफरेंस की बातें। यार, ये सब देखकर कभी-कभी तो लगता है इंडिया में लव स्टोरी लिखना मतलब प्रॉब्लम्स की लिस्ट तैयार करना।


🎭 कलाकारों का अभिनय: दिल जीत लेने वाली परफॉर्मेंस


🌟 राजकुमार राव


राजकुमार राव हमेशा की तरह इस फिल्म में भी अपने अभिनय से प्रभावित करते हैं। उनका किरदार सरल, संवेदनशील और दृढ़ है।

उनकी आंखों में भाव और संवाद अदायगी इतनी सटीक है कि दर्शक उनकी पीड़ा और प्रेम को महसूस कर सकता है। उन्होंने अपने किरदार को बड़ी गहराई से निभाया है।


🌟 श्रद्धा कपूर


श्रद्धा कपूर ने इस बार एक आत्मनिर्भर, मजबूत सोच वाली युवती का किरदार निभाया है।

उनका अभिनय बेहद स्वाभाविक है और उन्होंने अपने किरदार में आत्मबल और भावनाओं का अच्छा संतुलन दिखाया है।


🌟 नीना गुप्ता


नीना गुप्ता का किरदार छोटा होने के बावजूद बहुत महत्वपूर्ण है। वह सिया की मां बनी हैं और उनका अभिनय बेहद प्रभावशाली रहा है।

उनके संवाद और भावनात्मक दृश्य दिल 

को छू जाते हैं।



🎶 म्यूज़िक और बैकग्राउंड स्कोर: दिल में घुस जाने वाला टशन

भाई, "आप जैसा कोई" का एल्बम तो पहले से ही सबके प्लेलिस्ट में घूम रहा है।  

टाइटल ट्रैक—जिसे अरिजीत सिंह ने गाया है—वो सुनते ही दिल में हलचल मचा देता है। लव सॉन्ग्स की फीलिंग्स पकड़नी हो तो ये वाला ज़रूर सुनो।


और हाँ, "तेरे होने से" या "रातों की खामोशी" जैसे गाने, उनकी बात ही अलग है। मूवी में इमोशंस का लेवल एकदम ऊपर ले जाते हैं।  


बैकग्राउंड स्कोर—कसम से—कहानी को जान डाल देता है, जैसे बिना नमक के दाल फीकी हो वैसे ही फिल्म बिना इस स्कोर के अधूरी लगती।

प्रीतम की कंपोजिशन? यार, क्या ही बोले—बिल्कुल जादू बिखेर दिया है इस बार भी।

निर्देशन और तकनीकी पक्ष

डायरेक्शन की बात करें तो आदित्य मेनन ने फिल्म को एकदम आसान और खूबसूरत तरीके से पेश किया है। कहीं भी लगेगा नहीं कि कहानी खींची जा रही है। कैमरा वर्क, लोकेशन – मानसून के सीन, मुंबई की गलियां, पहाड़ – सब कुछ एकदम रीयल। सीन देखकर लगेगा – यार, काश मैं भी वहीं होता!


सिनेमैटोग्राफी और विजुअल अपील

फिल्म में सिर्फ लव स्टोरी नहीं है – क्लास डिफरेंस, फैमिली प्रेशर, इंडिपेंडेंस, ये सब मुद्दे भी अच्छे से दिखाए गए हैं, लेकिन बिना लेक्चर दिए। मतलब, वन लाइनर में समझा दिया – जो पकड़ना है पकड़ लो, वरना आगे बढ़ो।


अब फैमिली ऑडियंस के लिए – एकदम परफेक्ट मूवी है। कोई ऊल-जलूल सीन नहीं, सब मिलकर देख सकते हैं। रिश्तों की वैल्यू भी अच्छे से समझ में आती है।


प्लस पॉइंट्स? एक्टिंग, म्यूज़िक, रियलिस्टिक कहानी, सॉलिड डायलॉग्स, और सोशल मैसेज। माइनस? फर्स्ट हाफ थोड़ा स्लो है, सेकंड हाफ में कुछ चीज़ें प्रेडिक्टेबल लग सकती हैं। और हां, जो लोग एक्शन-थ्रिलर पसंद करते हैं, उनके लिए शायद ये फिल्म थोड़ा धीमा लगे। पर अगर दिल से फिल्म देखनी है, तो ये एकदम फिट है।

भावनात्मक और सामाजिक पहलू

फाइनल वर्डिक्ट? "आप जैसा कोई" – सिंपल है, प्यारी है, और दिल को छू जाती है। ओवरड्रामा नहीं, बस सच्ची फीलिंग्स। अगर इमोशनल ड्रामा और रोमांस पसंद है, तो इस फिल्म को मिस मत करना। फैमिली के साथ बैठकर देखो, मजा आ जाएगा!

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